बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं।[1]आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है।
भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।[2] लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं।
बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है।
फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं
बादाम विटामिन ई से भरपूर होता है. … इसलिए बादाम विटामिन ई के भरपूर स्रोतों में से एक माना जाता है. हड्डियों की सेहत को बढ़ाता है रिसर्च के मुताबिक, मुट्ठी भर बादाम कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, विटामिन के, प्रोटीन, जिंक और कॉपर से भरपूर रहता है
बादाम में उच्च स्तर का फाइबर होता है जो पेट की पाचन क्रिया में मददगार होता है. रोजाना रात में बादाम भिगा दें और उसे सुबह-सुबह खाएं. इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी और एसिडिटी व पेट में सूजन जैसी परेशानी भी नहीं रहेगी.
दूध में बादाम मिलाकर पीने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. अगर आप रात को सोने से पहले एक ग्लास दूध में बादाम मिलाकर पीते हैं तो यह आपको बीमारियों से बचाता और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसलिए रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में बादामपीने की सलाह दी जाती है.
बादाम खाने से यादाश्त तेज (Improves Memory Power) होती है. बच्चों की मेमोरी बढ़ाने के लिए आपको उन्हें बादाम जरूर देने चाहिए. इसमें विटामिन ई होता है जिससे फोकस तेज होता है और याददाश्त बढ़ती है.
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