हिमालय कॉन्फीडो टेबलेट (Himalaya Confido in hindi) एक आर्युवेदिक और एक सुरक्षित गैर हार्मोनल का एक ऐसा आयुर्वेदिक फ़ॉर्मूला है जो पुरूषों से जुडी कई समस्याओं का समाधान करता है। इसका उपयोग शीघ्र पतन, वीर्यपात और स्वप्न दोष जैसी समस्याओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है।
जिस व्यक्ति को भी इस तरह की समस्याएं होती हैं उनके लिए ये एक गैर-हार्मोन और अत्यंत लाभकारी चिकित्सा है। इस टेबलेट के सेवन से इन समस्याओं से छुटकारा तो मिलता है, साथ ही शारीरित ताकत भी प्रदान करती है। इसका उपयोग प्रदर्शन के साथ जुड़ी चिंता और निर्वहन प्रक्रिया को भी नियंत्रित करता है।
हिमालय कॉन्फीडो टेबलेट में पाए जाने वाले तत्व ?
हिमालय कॉन्फीडो आयुर्वेदिक औषधियों को मिलाकर बनाया जाता है। हिमालय कॉन्फीडो टेबलेट ऐसे तत्वों को मिलाकर बनाया जाता है, जिससे पुरुषो की शारीरक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलते है।
अश्वगंधा | 78 मिली ग्राम |
कोकिलाक्षा | 38 मिली ग्राम |
वन्य कहु | 20 मिली ग्राम |
कपिकच्छु | 20 मिली ग्राम |
स्वर्णवंग | 20 मिली ग्राम |
सत्व: | – |
वृद्धदारु | 38 मिली ग्राम |
गोक्षुर | 38 मिली ग्राम |
जीवन्ती | 20 मिली ग्राम |
शैलियम | 20 मिली ग्राम |
सर्पगंधा | 18.75 मिलीग्राम |
चूर्ण | मात्रा |
हिमालय कॉन्फीडो के औषधीय गुण |
पूरी तरह से औषधीय यह टेबलेट मनुष्यों को होने वाली कई समस्याओं के समाधान की एक लाभदायी औषधि है। हिमालय कॉन्फीडो में ऐसे औषधीय गुण पाय जाते है, जिससे शरीर को बिना नुक्सान पहुंचाए, शरीर क्षमता बढ़ाने के साथ साथ अन्य कई लाभ मिलते है।
हिमालय कॉन्फीडो टेबलेट किन समस्याओं में है उपयोगी |
हिमालय कॉन्फीडो टेबलेट पुरुषो की कई समस्याओ के लिए बहुत उपयोगी होता है। शीघ्र पतन के लिए यह दवा बहुत उपयोगी है। यह शारीरिक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ स्वप्न दोष जैसी समस्या से भी निजात दिलाने में मददगार साबित होता है।
शीघ्र पतन
वीर्यपात
स्वप्न दोष
हिमालय कॉन्फीडो की मात्रा और सेवन विधि |
अधिक समस्या होने पर हिमालय कॉन्फीडो खाने की सलाह डॉक्टर्स द्वारा दी जाती है। डॉक्टरों की सलाह पर ही हमें यह दवा लानी चाहिए। और सही मात्रा का ज्ञान भी डॉक्टर्स द्वारा ही लेना चाहिए।
शीघ्र पतन | 1 गोली दिन में दो बार 2 से 4 सप्ताह तक या जब तक लक्षण ठीक नहीं हो जाते |
वीर्यपात | 1 गोली दिन में दो बार 4 से 6 सप्ताह तक या जब तक लक्षण ठीक नहीं हो जाते |
स्वप्न दोष | 1 गोली दिन में दो बार 4 से 6 सप्ताह तक या जब तक लक्षण ठीक नहीं हो जाते |
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